पश्चिम विदर्भ में खुशनशीब है अमरावतीदेश को दी राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायाधीश, राज्यपाल, विधान सभा सभापति, केंद्रीय मंत्री की सौगात
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पश्चिम विदर्भ में खुशनशीब है अमरावतीदेश को दी राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायाधीश, राज्यपाल, विधान सभा सभापति, केंद्रीय मंत्री की सौगात
विदर्भ के अमरावती के वरिष्ठ संविधान तह नेहा सह गवई ने बुधवार को देश के सर्वोच्च की शपथ ली. ये देश के लिये य की बात है.
पश्चिम विदर्भ में अमरावती भाग्यवान शहर है, जिसने देश को राष्ट्रपति, सर्वोच्च राज्यकर विधान सथा सभापति प्रथम केंद्रीय कृषि मंत्री दिये है. इसीलिए अमरावती शहर मेन रोड पर ना रहाते हुये भी यानी इंटीरिवल में गहने के बावजूद अमरावती का विकास हुआ है. मेन रोड पर के बडनेरा है, लेकिन इसके बावजूद
आावधीतरी काही विकास हुआ है के इन बड़े पदों पर विराजमान रहे महानुभावों के कारण ही हो सका है. अमरावती का आधुनिक रेलवे स्टेगर, देश के कोने-कोने तक अमानी तक फोर लेन मार्ग, में बड़े फराईओवर बड़ी सड़कें
का बड़ा केंद्र अमरावती को खासियत पर री है. अमरावती की तुलना में यातायात जिलाविका है. इसकी शार नकारा नहीं जा सकता राष्ट्रीय
अमरावती में रहे हैं. इसी कारण राज्य के पद पर नेहाओं ने अमरावती को विकास के पथ पर अड़यर किया है. श्रीमती प्रतिभा पाटिल के रूप में पहली महिला राष्ट्रपति देह को असावती के पद अमरावती से मिला विधान सभा चापति के रूप में गवई, शरद तसरे करकारलेमरावती से ही रहे, देश के काले
देशमंत्री डॉ. भाऊसाहेब देशमुख के रूप में देश को अमरावती से मिले, जिनकी शिवाजी लेकर संस्था में लाख विद्यार्थी शिक्षा अपना करियर बना यो है. वैसे अमराव में अनेक बड़ी हस्तियों ने अपने काम से अमरावती का जम किया है. इन हस्तियों के कारण ही आज अमरावती विकास के पथ पर आगे कह रहा है. मुधवार को अमरावती के सुपुत्र भूषण
रामकृष्ण गावां ने देश के सर्वोच्च न्यायाधीश पद पर विराजमान होकर अमरावती का नाम देश में रोशन किया है. भारत रम डॉ. बा अबेडकर के बनाये हुये देश के संविधान का अधिक मात्य बढ़ाते हुये देश के सर्वोच्च न्यायालय में सर्वोच्च न्यायाधीश के पद पर विराजमान होने वाले पहले दलित समाज के न्या. के बालाकृष्णन के बाद इसी समाज के दूसरे राजेंच्य न्यायाधीश पद पर न्या. भूषण गवई किराजमान हुये हैं. अमरावती के गौरवास्पद इतिहास की सदियों तक
गाए किया जायेगा शौ. मिरसाहेब, अकोला